What are punctuation marks , Hindi Grammar , Ao Padhen विराम चिन्ह क्या होते हैं? मित्रों आज की पोस्ट में हम आपको विराम चिन्हों को बताने वाले हैं की विराम चिन्ह क्या होते है और इनको किस प्रकार जाना जा सकता है और इनका हमारे जीवन में उपयोग क्या है? तो चाहिए जान लेते की विराम चिन्ह किसे कहते हैं?
विराम चिन्ह का अर्थ
‘विराम’ का अर्थ है रुकना य ठहरना| वाक्य को लिखते और बोलते समय बीच में कहीं थोडा-बहुत रुकना पड़ता है इससे भाषा स्पष्ट, अर्थवान एवं भावपूर्ण हो जाती है| लिखित भाषा में इस ठहराव को दिखाने के लिए कुछ विशेष प्रकार के चिन्हों का प्रयोग करते हैं| इन्हें ही विराम-चिन्ह कहा जाता है|
इन भावों और विचारों को स्पष्ट करने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग वाक्य के बीच में या अंत में किया जाता है , उन्हें विराम-चिन्ह कहते हैं; जैसे-
- रोको मत जाने दो|
- रोको, मत जाने दो|
- रोको मत, जाने दो|
इन उदाहरणों में पहले वाक्य में अर्थ स्पष्ट नहीं होता , जबकि दूसरे और तीसरे वाक्य में अर्थ तो स्पष्ट हो जाता है लेकिन एक दूसरे का उल्टा अर्थ मिलता है जबकि तीनो वाक्यों में वही शब्द हैं | दूसरे वाक्य में ‘रोको’ के बाद अल्प विराम लगाने से रोकने के लिय कहा गया है
जबकि तीसरे बाक्य में ‘रोको मत’ के बाद अल्पविराम लगाने से किसी को रोकने के लिए नहीं कहा गया| इस प्रकार विराम चिन्ह लगाने से दूसर और तीसरे वाक्य को पढ़ने में तथा अर्थ स्पष्ट करने में जीतनी सुविधा होती है उतनी पहले वाक्य में नहीं होती|
अतएव विराम चिन्हों के बारे में पूरा ज्ञान होना आवश्यक है|
हिंदी में निम्नलिखित विराम चिन्हों का प्रयोग किया जाता है-
- पूर्ण विराम या विराम (I)
- अर्द्धविराम (;)
- अल्पविराम (,)
- प्रश्नवाचक चिन्ह (?)
- विस्मयसूचक चिन्ह (!)
- उद्धरण चिन्ह (“……”) , (‘……’)
- योजक चिन्ह (-)
- निर्देशक(डैश) (–)
- कोष्ठक {( )}
- हंसपद (त्रुटिबोधक) (^)
- रेखांकन ( _ )
- लाघव चिन्ह ( ० )
- लोप-चिन्ह (…)
नोट:- फुलस्टॉप ( . ) को छोड़कर शेष विराम चिन्ह वही लिए गए हैं जो अंग्रेजी में प्रचलित हैं | पूर्ण विराम के लिए बिंदु ( . ) की जगह खड़ी पाई ( I ) को अपनाया जाता है|
What are punctuation marks , Hindi Grammar , Ao Padhen विराम चिन्ह क्या होते हैं?

विराम चिन्ह के प्रकार
१- पूर्ण विराम ( Fullstop) { | } :- इस चिन्ह का प्रयोग प्रश्नवाचक और विस्मयसूचक वाक्यों को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के वाक्यों के अंत में किया जाता है ; जैसे- राम स्कूल से आ रहा है|कह उसकी सौन्दर्यता पर मुग्ध हो गया|, वह छत पर सो गया|
दोहा ,श्लोक, चौपाई आदि की पहली पंक्ति के अंत में एक पूर्ण विराम और दूसरी पंक्ति के अंत में दो पूर्ण विराम लगाने की प्रथा है| जैसे-
“रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून|
पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुष, चून”||
२- अर्द्ध विराम (Semicolon) { ; }-
जहाँ पूर्ण विराम की अपेक्षा कम देर रुकना हो और अल्पविराम की अपेक्षा कुछ देर तक रुकना हो तब अर्द्धविराम का प्रयोग किया जाता है ; जैसे-
फलों में आम को सर्वश्रेष्ट माना गया है ; किन्तु श्रीनगर में और ही किस्म के फल विशेष रूप से पैदा होते हैं|
३- अल्पविराम ( Comma ) { , } –
जहाँ पर अर्द्धविराम की तुलना में और कम देर रुकना हो तो अल्प विराम का प्रयोग किया जाता है|
इस चिन्ह का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है-
(i) एक ही प्रकार के कई शब्दों का प्रयोग होने पर प्रत्येक शब्द के बाद अल्पविराम लगाया जाता है|लेकिन अंतिम शब्द के पहले ‘और’ का प्रयोग होता है;- जैसे-
- रघु अपनी संपत्ति,भूमि-प्रतिष्ठा और मान-मर्यादा सब खो बैठा|
(ii) ‘हाँ’ और ‘नहीं’ के पश्चात्; जैसे-
- हाँ, लिख सकता हूँ| नहीं, यह काम नहीं हो सकता|
(iii) वाक्यांश या उपवाक्यांश, को अलग करने के लिए; जैसे-
- विज्ञान का पाठ्यक्रम बदल जाने से , मैं समझता हूँ, की परीक्षा परिणाम प्रभावित होगा|
(iv) कभी-कभी संबोधन सूचक शब्द के बाद अल्पविराम भी लगाया जाता है; जैसे-
- रवि, तुम इधर आओ|
(v) किन्तु,परन्तु, क्योंकि आदि समुच्चयबोधक शब्दों से पूर्व भी अल्पविराम लगाया जाता है; जैसे-
- आज मैं बहुत थका हूँ, इसलिए विश्राम करना चाहता हूँ|
- मैंने बहुत परिश्रम किया, परन्तु फल कुछ नहीं मिला|
(vi) तारीख के साथ महीने का नाम लिखने के बाद तथा सन, संवत के पहले अल्पविराम का प्रयोग किया जाता है ; जैसे-
- २ अक्टूबर , सन १८६९ ई० को गाँधी जी का जन्म हुआ|
(vii) उद्धरण से पूर्व अल्पविराम का प्रयोग किया जाता है;-
- नेता जी ने कहा, “दिल्ली चलो” |
(viii) अंकों को लिखते समय भी अल्पविराम का प्रयोग किया जाता है;-
- १,२,३,४,५,६,७,8,९,१०
(x) एक ही शब्द या वाक्यांश की पुनरावृत्ति होने पर अल्पविराम का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
- भागो,भागो आग लग गई|
What are punctuation marks , Hindi Grammar , Ao Padhen विराम चिन्ह क्या होते हैं

४- प्रश्न वाचक चिन्ह(Mark of Interrogation) [ ? ]
प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
- तुम कहाँ जा रहे हो? वहां क्या रखा है?
इस चिन्ह का प्रयोग संदेह प्रकट करने के लिए भी किया जाता है ; जैसे-
- क्या कहा, वह निष्ठावान है?
५- विस्मयसूचक चिन्ह Mark Of Exclamation) [ ! ] –
विस्मय, आश्चर्य , हर्ष, घृणा आदि का बोध कराने के लिय हम इस चिन्ह का प्रयोग करते हैं; जैसे-
- वाह! आप यहाँ कैसे पधारे?
- हाय! बेचारा व्यर्थ में मारा गया |
६- उद्धरण चिन्ह ( Inverted Commas), [ “…”]-
किसी और के वाक्य या शब्दों को ज्यों का त्यों रखने में इसका प्रयोग किया जाता है; जैसे- तुलसीदास ने कहा है-
- “रघुकुल रीति सदा चली आई | प्राण जाय पर वचन न जाई||”
( ‘ ‘ ) :- वाक्य में किसी शब्द पर बल देने के लिए इकहरे उद्धरण चिन्ह का प्रायोग किया जाता है; जैसे –
- तुलसीकृत ‘रामचरितमानस’ एक अनुपम कृति है|
७- योजक चिन्ह(Hyphen) [ – ]
इस चिन्ह का प्रयोग निम्नलिखित परिस्थितियों में किया जाता है-
(i) सामासिक पदों या पुनरुक्त और युग्म शब्दों के मध्य किया जाता है, जैसे-
- जय-पराजय, हानि-लाभ, माता-पिता, राष्ट्र-भक्ति
(ii) तुलनावाचक ‘सा’, ‘ सी’ , ‘से’ के पहले; जैसे-
- चाँद-सा रोशन चेहरा, फूल-सी मुस्कान |
(iii) द्वित्व और शब्द युग्म; जैसे-
- कभी-कभी , खाते-पीते, रोज-रोज
8- निर्देशक ( Directive ) [ -] :-.
इस चिन्ह का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है; जैसे-
- संवादों को लिखने के लिए –
- रमेश-तुम कहाँ रहते हो ?
- मोहन- मै लाजपत नगर में रहता हूँ|
२- कहना , लिखना, बोलना, बताना शब्दों के बाद; जैसे-
- भगत सिंह ने कहा- मैं आजाद हूँ |
- महेश ने लिखा- सत्यम, शिवम्, सुन्दरम्|
३- किसी प्रकार की सूची के पहले; जैसे-
- सफल होने वाले छात्रों के नाम निम्नलिखित हैं- राजीव , रमेश, मोहन, श्याम, मुकेश| जहाँ किसी भी विचार को विभक्त कर बीच में उदहारण दिए जाते हैं, वहां दोनों ओर इसका प्रयोग किया जाता है; जैसे-
- श्याम बाजार से कुछ सामान- दाल, सब्जी- खरीदने गया है|
९- कोष्ठक ( Brackets ) [ ( ) ]-
कोष्ठक के भीतर मुख्यतः उस सामग्री को रखते हैं जो मुख्य वाक्य का अंग होते हुए भी पृथक् की जा सकती है; जैसे- क्रिया के भेदों ( सकर्मक और अकर्मक ) के उदहारण दीजिये|
(i) किसी कठिन शब्द को स्पष्ट करने के लिए; जैसे-
- आप की सामर्थ्य ( शक्ति ) को मैं जानता हूँ|
(ii) नाटक में अभिनय आदि प्रकट करने हेतु; जैसे-
- मेघनाद-(कुछ आगे बढ़ कर) लक्ष्मन यदि सामर्थ्य हो तो सामने आओ|
( iii ) विषय , विभाग सूचक अंकों अथवा अक्षरों को प्रकट करने के लिए ; जैसे-
संज्ञा के तीन भेद हैं १- व्यक्तिवाचक २- जाती वाचक और ३- भाव वाचक संज्ञा
१०- रेखांकन चिन्ह ( Underline ) [ – ] :-
वाक्य में महत्वपूर्ण शब्द , पद , वाक्य रेखांकित कर दिया जाता है ; जैसे-
- गौदान उपन्यास , प्रेम चाँद द्वारा लिखित सर्वश्रेष्ट कृति हैं|
- ——————-
११- लाघव चिन्ह ( Singn of Abbreviation ) [ ० ] :-
संक्षिप्त रूप लिखने के लिए लाघव चिन्ह का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
- कृ ० प ० उ ० = कृपया प्रष्ट उलटिए
- प० न० नी० = पटना नगर निगम
१२- लोप चिन्ह ( Mark of Omission ) [ …. ] :-
जब वाक्य या अनुच्छेद में कुछ अंश छोड़कर लिखना हो तो लोप चिन्ह का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
- चन्द्र शेखर आजाद ने कहा, “तुम मुझे खून दो……आजादी दूंगा”|
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